महिला पत्रकारों की नो एंट्री पर अफगान विदेश मंत्री की सफाई: तकनीकी कारण, साजिश नहीं
विवाद के बाद नई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी महिला पत्रकारों को एंट्री, मुत्ताकी ने तोड़ी चुप्पी
पूर्वांचल राज्यब्यूरो नई दिल्ली।
भारत दौरे पर आए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के न बुलाए जाने पर उठे विवाद के बीच सफाई दी है। मुत्ताकी ने इसे “जानबूझकर किया गया बहिष्कार नहीं, बल्कि महज एक तकनीकी चूक” बताया है।
उन्होंने कहा, “प्रेस कॉन्फ्रेंस अल्प सूचना पर रखी गई थी और मीडिया संस्थानों से सीमित पत्रकारों की सूची मंगाई गई थी। इसमें किसी महिला को जानबूझकर बाहर नहीं किया गया। यह एक लॉजिस्टिक गलती थी, कोई नीति नहीं।”
*भारत में बढ़े विरोध के सुर, राहुल गांधी ने साधा निशाना*
महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई। विपक्ष ने इसे महिलाओं का अपमान बताया। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर “महिला अधिकारों की रक्षा में विफल” रहने का आरोप लगाया। इस विवाद के बाद अफगान प्रतिनिधिमंडल ने एक नई प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसमें महिला पत्रकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।
*लड़कियों की शिक्षा पर भी बोले मुत्ताकी*
मुत्ताकी ने अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा को लेकर उठे सवालों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “लड़कियों की शिक्षा पर स्थायी प्रतिबंध नहीं है, बल्कि यह केवल कुछ परिस्थितियों के चलते अस्थायी रूप से स्थगित है।”
उन्होंने दावा किया कि अफगानिस्तान में वर्तमान में 1 करोड़ छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें 28 लाख छात्राएं और लड़कियां शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हमने शिक्षा को कभी हराम नहीं माना, लेकिन कुछ धार्मिक और सामाजिक सीमाओं के कारण प्रतिबंध लगाए गए हैं।”










