काशी विद्यापीठ में शुरू हुई निःशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा सेवा, 41 मरीजों ने लिया लाभ
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो वाराणसी।
संवादाता(राजेश कुमार वर्मा)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गंगापुर स्थित महाराजा डॉ. विभूति नारायण सिंह परिसर में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विभाग द्वारा निःशुल्क ओपीडी सेवा प्रारंभ की गई है। इस पहल के अंतर्गत मंगलवार को आसपास के गांवों से आए 41 मरीजों को प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुनीता द्वारा परामर्श प्रदान किया गया।
यह सेवा प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही पहली निःशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा सेवा है। मरीजों को रोग के अनुसार जल चिकित्सा, मालिश, मिट्टी पट्टी, आहार चिकित्सा और योग आधारित इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
*स्वास्थ्य जागरूकता अभियान भी चला*
विभाग की ओर से 11 से 13 सितंबर तक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान भी चलाया गया, जिसका उद्देश्य आसपास के गांवों में क्षय रोग (टीबी) की पहचान करना और ग्रामीणों को योग व प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व से परिचित कराना था। यह अभियान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी एवं चिकित्सा विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. पीताम्बर दास के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
छात्र-छात्राओं की तीन टोलियां बनाकर गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क किया गया। इस दौरान संध्या ओझा ने योग की बारीकियों को ग्रामीणों को सरल भाषा में समझाया, जबकि डॉ. सुनीता और डॉ. सुनील कुमार यादव के नेतृत्व में छात्रों ने घर-घर जाकर जनजागरूकता फैलाई।
अभियान में सोनम, मोनिका, सुप्रिया, अंशिका, अंकिता, आशीष, दीक्षा, विजय, सीमा, ममता और स्मिता सहित अन्य विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
*प्राकृतिक चिकित्सा: स्वयं को स्वस्थ करने की कला*
डॉ. सुनीता ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा एक दवा रहित पद्धति है जो शरीर की प्राण शक्ति को सक्रिय कर स्वयं को ठीक करने की क्षमता पर आधारित है। पंचमहाभूत सिद्धांत, प्राण शक्ति सिद्धांत जैसी अवधारणाओं के आधार पर यह चिकित्सा शरीर, मन और आत्मा के समग्र स्वास्थ्य की बात करती है।
गांवों में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता लाकर काशी विद्यापीठ ने स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक सराहनीय पहल की है।










