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मुसलमानों को दे रही थी हिंदुओं की जमीन, नुपुर बोरा के घर मिले 1 करोड़ के जेवर और 1 करोड़ की नगदी

मुसलमानों को दे रही थी हिंदुओं की जमीन, नुपुर बोरा के घर मिले 1 करोड़ के जेवर और 1 करोड़ की नगदी

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो 

 संवाददाता अंकित विश्वकर्मा 

 

असम :- असम के बारपेटा जिले में एक बड़े भ्रष्टाचार और पैसे के लिए हिंदुओं की जमीन को मुसलमानों को ट्रांसफर करने की साज़िश का खुलासा हुआ है. राज्य सिविल सेवा की अफसर ने बड़े पैमाने पर जमीनों का हस्तांतरण किया. सीएम हिमंत बिस्वा के निर्देश पर ये कार्रवाई हुई है. अफसर 6 महीने से CM बिस्वा की रडार पर थी. अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में ये खेला ज्यादा होता है असम के बारपेटा में एक बड़ी साजिश और भ्रष्टाचार के खुलासे से हड़कंप मच गया है. यहां असम सरकार की एक महिला अधिकारी के बारे में पता चला है कि वो कैश और संपत्ति की एवज में हिंदुओं की जमीन एक समुदाय विशेष को स्थानांतरित कर रही थी. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के आदेश पर हुई जांच में इस मामले में का खुलासा हुआ है. सरकार इसे महज करप्शन के एंगल से नहीं बल्कि घुसपैठ तंत्र के नेक्सस से भी रिपोर्ट खंगाल रही है. महिला असम सिविल सर्विसेस की 2019 बैच की अफसर है और उसका नाम नुपुर बोरा है. उसके ठिकानों पर छापेमारी में लाखों रुपए, जेवर और कीमती सामान जब्त किया गया है. फिलहाल उसे गिरफ्तार कर लिया गया है 

*हिंदुओं की जमीन मुस्लिमों को ट्रांसफर कर रही थी नुपुर बोरा*

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार को सूचना मिली थी कि बारपेटा में तैनाती के दौरान एक अधिकारी हिंदुओं की जमीन मुस्लिम समुदाय (समुदाय विशेष) को हस्तांतरित कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह अधिकारी पिछले छह महीनों से सरकार की नज़र में थीं और उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी.

 

उन्होंने आगे कहा कि राज्य के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के राजस्व हलकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. इस कारण सरकार ने इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है, ताकि जमीन से जुड़ी गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके 

 

जहां हिंदू अल्पसंख्यक, वहां होता है जमीन का खेला!

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस संबंध में कहा कि सरकार को सूचना मिली थी कि बारपेटा में तैनाती के दौरान एक अधिकारी हिंदुओं की जमीन मुस्लिम समुदाय (समुदाय विशेष) को हस्तांतरित कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह अधिकारी पिछले छह महीनों से सरकार की नज़र में थीं और उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी.

 

उन्होंने आगे कहा कि असम के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के राजस्व हलकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. इस कारण सरकार ने इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है, ताकि जमीन से जुड़ी गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके

अंतर-धार्मिक जमीनों के लेन-देन पर सख्त हिमंत बिस्वा सरकार

इस बीच बारपेटा जिले में इस तरह की घटना को रोकने के लिए 27 अगस्त को सीएम सरमा की कैबिनेट ने जनसांख्यिकीय परिवर्तनों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का हवाला देते हुए एक नए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मंज़ूरी दी है. इसके तहत अब सभी अंतर-धार्मिक ज़मीनी लेन-देन के लिए असम पुलिस की विशेष शाखा से मंज़ूरी लेना अनिवार्य होगा.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसी हफ्ते अपने असम के अपने दौरे के दौरान अवैध प्रवासियों से राज्य की जनसांख्यिकी (Demography) को गंभीर ख़तरा बताया था. उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की ज़रूरत पर जोर दिया था

 

*नुपुर बोरा कौन ?

एसपी रोज़ी कलिता ने पूरे मामले के बारे में बताया कि 2019 बैच की ACS अधिकारी नुपुर बोरा फिलहाल में कामरूप जिले के गोराईमारी में CO के पद पर तैनात थीं. बोरा के दो अपार्टमेंट पर सीएम सरमा के सतर्कता प्रकोष्ठ ने ताबड़तोड़ छापे मारे. इस रेड में दोनों फ्लैटों से करीब 1 करोड़ रुपए नगद, लाखों के गहने और अन्य आभूषण जब्त किए गए हैं. 

 

*लग्जरी आइटम्स की शौकीन है बोरा, इंस्टा प्रोफाइल पर भी थी नजर*

असम के बारपेटा जिले में एक बड़े भ्रष्टाचार और पैसे के लिए हिंदुओं की जमीन को मुसलमानों को ट्रांसफर करने की साज़िश का खुलासा हुआ है. राज्य सिविल सेवा की अफसर ने बड़े पैमाने पर जमीनों का हस्तांतरण किया. सीएम हिमंत बिस्वा के निर्देश पर ये कार्रवाई हुई है. अफसर 6 महीने से CM बिस्वा की रडार पर थी. अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में ये खेला ज्यादा होता है.

असम के बारपेटा में एक बड़ी साजिश और भ्रष्टाचार के खुलासे से हड़कंप मच गया है. यहां असम सरकार की एक महिला अधिकारी के बारे में पता चला है कि वो कैश और संपत्ति की एवज में हिंदुओं की जमीन एक समुदाय विशेष को स्थानांतरित कर रही थी. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के आदेश पर हुई जांच में इस मामले में का खुलासा हुआ है. सरकार इसे महज करप्शन के एंगल से नहीं बल्कि घुसपैठ तंत्र के नेक्सस से भी रिपोर्ट खंगाल रही है. महिला असम सिविल सर्विसेस की 2019 बैच की अफसर है और उसका नाम नुपुर बोरा है. उसके ठिकानों पर छापेमारी में लाखों रुपए, जेवर और कीमती सामान जब्त किया गया है. फिलहाल उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. 

 

*कौन है नुपुर बोरा?*

 

एसपी रोज़ी कलिता ने पूरे मामले के बारे में बताया कि 2019 बैच की ACS अधिकारी नुपुर बोरा फिलहाल में कामरूप जिले के गोराईमारी में CO के पद पर तैनात थीं. बोरा के दो अपार्टमेंट पर सीएम सरमा के सतर्कता प्रकोष्ठ ने ताबड़तोड़ छापे मारे. इस रेड में दोनों फ्लैटों से करीब 1 करोड़ रुपए नगद, लाखों के गहने और अन्य आभूषण जब्त किए गए हैं.

 

*6 महीने से सीएम हिमंत बिस्वा की रडार पर थी ये अधिकारी*

 

असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस संबंध में मीडिया को जानकारी दी और कहा कि ये अधिकारी करीब 6 महीने से नजर में थी. उन्होंने आगे कहा कि बोरा के खिलाफ यह कार्रवाई मिलीं विशिष्ट शिकायतों के आधार पर की गई. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें शिकायत मिली थी कि इस CO ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक की नगदी और संपत्तियां जमा की हैं. सीएम सरमा ने कहा कि शुरूआती जांच के निष्कर्ष से पता चला है कि ये अवैध धन की उगाही या भ्रष्टाचार निचले असम के बारपेटा में अपने कार्यकाल के दौरान अवैध भूमि हस्तांतरण से जुड़ा हुआ है.

 

 

 

*हिंदुओं की जमीन मुस्लिमों को ट्रांसफर कर रही थी नुपुर बोरा*

 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सरकार को सूचना मिली थी कि बारपेटा में तैनाती के दौरान एक अधिकारी हिंदुओं की जमीन मुस्लिम समुदाय (समुदाय विशेष) को हस्तांतरित कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह अधिकारी पिछले छह महीनों से सरकार की नज़र में थीं और उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी.

 

उन्होंने आगे कहा कि राज्य के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के राजस्व हलकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. इस कारण सरकार ने इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है, ताकि जमीन से जुड़ी गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके.

 

*जहां हिंदू अल्पसंख्यक, वहां होता है जमीन का खेला!*

 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस संबंध में कहा कि सरकार को सूचना मिली थी कि बारपेटा में तैनाती के दौरान एक अधिकारी हिंदुओं की जमीन मुस्लिम समुदाय (समुदाय विशेष) को हस्तांतरित कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह अधिकारी पिछले छह महीनों से सरकार की नज़र में थीं और उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी.

 

उन्होंने आगे कहा कि असम के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के राजस्व हलकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है. इस कारण सरकार ने इस तरह के मामलों पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया है, ताकि जमीन से जुड़ी गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके.

 

 

*अंतर-धार्मिक जमीनों के लेन-देन पर सख्त हिमंत बिस्वा सरकार*

 

इस बीच बारपेटा जिले में इस तरह की घटना को रोकने के लिए 27 अगस्त को सीएम सरमा की कैबिनेट ने जनसांख्यिकीय परिवर्तनों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का हवाला देते हुए एक नए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को मंज़ूरी दी है. इसके तहत अब सभी अंतर-धार्मिक ज़मीनी लेन-देन के लिए असम पुलिस की विशेष शाखा से मंज़ूरी लेना अनिवार्य होगा.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसी हफ्ते अपने असम के अपने दौरे के दौरान अवैध प्रवासियों से राज्य की जनसांख्यिकी (Demography) को गंभीर ख़तरा बताया था. उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की ज़रूरत पर जोर दिया था.

 

 

 

*लग्जरी आइटम्स की शौकीन है बोरा, इंस्टा प्रोफाइल पर भी थी नजर*

 

आपको बताएं कि बोरा गहने, जेवर और लग्जरी सामानों की बहुत शौकीन थी. इसलिए उसने अपने इसे इकट्टा भी किया था. विजिलेंस सेल के एसपी ने इस संबंध में बताया कि नुपुर बोरा के इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल को खंगालने से पता चला है कि उनके फ़ैशन, साज-सज्जा और घूमने के प्रति शौक या लालसा को दर्शाती है. इतना ही नहीं बोरा जैसे अफसर का गुवाहाटी के गोटानगर इलाके में अपार्टमेंट भी है. पुलिस ने बोरा के कथित साथी सुरजीत डेका के बारपेटा स्थित घर सहित चार जगहों पर संपत्तियों की तलाशी भी ली है.

 

विजिलेंस के एसपी ने आगे कहा कि फिलहाल अभी जांच जारी है. अधिकारी पर कई आरोप हैं. जांच पूरी होने तक हम और नकदी और अन्य संपत्तियां जब्त की गई हैं. सीएम सतर्कता प्रकोष्ठ का ये 25वां मामला है. सूत्रों के मुताबिक बोरा के बारपेटा और गोलाघाट में कई बैंक लॉकर हैं, जिनकी अब सतर्कता अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है नुपुर बोरा 2019 में असम सिविल सेवा में शामिल हुईं. वो इससे पहले बारपेटा और कार्बी आंगलोंग में भी काम कर चुकी हैं. बारपेटा में अपनी तैनाती के दौरान बोरा कथित तौर पर करोड़ों रुपए के जमीन घोटाले में फंस गईं. कामरूप ज़िले के गोरोइमारी में बोरा का तबादला होने के बाद भ्रष्टाचार की शिकायतें आनी शुरू हुईं. इनमें ज़मीन से जुड़े मामलों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोप भी शामिल थे. अब हुई ये कार्रवाई इन आरोपों की व्यापक जांच का हिस्सा है

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