अत्यधिक देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
पूर्वांचल राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने आरोप तय होने में वर्षों लगने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। पीठ ने कहा कि कई मामलों में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद केवल बिंदु तय करने में ही तीन-चार साल लग जाते हैं, जबकि कानून के अनुसार पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय होना चाहिए।
कोर्ट ने देशभर में आरोप तय होने की समयसीमा के लिए दिशानिर्देश बनाने का संकेत दिया। वरिष्ठ वकील सिद्दार्थ लूथरा और नागामुत्थू को न्यायमित्र नियुक्त किया गया है, वहीं अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मदद मांगी गई है।
बिहार के अमन कुमार केस में यह टिप्पणियां आईं। मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।










