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कानपुर में ‘दृश्यम’ जैसी खौफनाक हत्या: बेटे ने दोस्त संग मिलकर पिता को मारा, शव जलाकर मिटाए सबूत

कानपुर में ‘दृश्यम’ जैसी खौफनाक हत्या: बेटे ने दोस्त संग मिलकर पिता को मारा, शव जलाकर मिटाए सबूत

पूर्वांचल राज्य ब्यूरो कानपुर

ख़बर (राजेश कुमार वर्मा)

बॉलीवुड की चर्चित क्राइम थ्रिलर ‘दृश्यम’ अब सिर्फ सिनेमाई कल्पना नहीं रही। कानपुर के कल्याणपुर इलाके में एक ऐसा हत्याकांड सामने आया है, जिसने फिल्म की कहानी को हकीकत में बदल दिया। रिटायर्ड रेलवे गार्ड कमलापति तिवारी की हत्या उनके ही बेटे गांधी तिवारी ने अपने करीबी दोस्त ऋषभ शुक्ला के साथ मिलकर की। हत्या के पीछे की वजह थी.. संपत्ति की हवस और धन का लालच।

गुमशुदगी की रिपोर्ट से खुला हत्या का राज

12 जून 2025 को कमलापति तिवारी की पत्नी ने कल्याणपुर थाने में उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला शुरू में एक सामान्य गुमशुदगी जैसा प्रतीत हुआ, लेकिन पुलिस की सतर्कता और सर्विलांस टीम की तकनीकी जांच ने जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठा दिया। कॉल डिटेल्स, लोकेशन ट्रैकिंग और संदिग्ध गतिविधियों की पड़ताल के बाद पुलिस को शक हुआ कि मामला सिर्फ गुमशुदगी का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या है।

‘दृश्यम’ से ली गई प्रेरणा, सबूत मिटाने की फिल्मी साजिश

पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गांधी तिवारी और ऋषभ शुक्ला ने हत्या की योजना 2015 की फिल्म ‘दृश्यम’ से प्रेरित होकर बनाई थी। हत्या के बाद उन्होंने शव को एक गाड़ी में रखकर कानपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर औरैया ले जाकर नहर किनारे पेट्रोल डालकर जला दिया। उनका मकसद था कि शव की पहचान न हो सके और कोई सबूत न बचे। यह पूरी साजिश इतनी बारीकी से रची गई थी कि अगर पुलिस की टीम थोड़ी भी चूकती, तो मामला हमेशा के लिए दब जाता।

संपत्ति की लालसा ने करवाया खून

कमलापति तिवारी के पास पेंशन के अलावा शहर में आठ दुकानों से नियमित किराया आता था। गांधी तिवारी इस संपत्ति पर एकछत्र अधिकार चाहता था। पुलिस के अनुसार, पिता की हत्या के पीछे यही लालच मुख्य कारण बना। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जब धन की भूख इंसान की सोच पर हावी हो जाती है, तो वह रिश्तों की गरिमा को भी कुचल देता है।

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने गांधी तिवारी और ऋषभ शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे गहन पूछताछ की जा रही है और हत्या में प्रयुक्त वाहन, पेट्रोल की खरीद और शव को जलाने की लोकेशन की पुष्टि की जा रही है। पुलिस उपायुक्त दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही सभी सबूत अदालत के समक्ष पेश किए जाएंगे।

यह मामला न सिर्फ एक जघन्य अपराध है, बल्कि यह दर्शाता है कि फिल्मी कहानियां जब वास्तविकता में उतरती हैं, तो उनका अंजाम कितना भयावह हो सकता है।

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